Shiv chaisa Secrets
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख �
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख �